बाराबंकी। वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजी शख्सियत मोहम्मद अतहर का सोमवार को आकस्मिक निधन हो गया। वह करीब 55 वर्ष के थे और पिछले दो-तीन साल से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त थे। अपोलो हॉस्पिटल लखनऊ में उनका इलाज चल रहा था। दो दिन पहले इलाज के सिलसिले में अस्पताल गए थे जहां इलाज के दौरान सोमवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके परिवार में पत्नी और दो पुत्री हैं। मिलनसार व्यक्तित्व के धनी मोहम्मद अतहर विगत लंबे समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत रहे। उन्होंने प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों जिसमें पंजाब केसरी, राष्ट्रीय स्वरूप, संदौली टाइम्स आदि में लंबे समय तक कार्य किया था। पत्रकारिता के अलावा मोहम्मद अतहर सामाजिक गतिविधियों में जबरदस्त शौक़ रखते थे। कोरोना काल में उन्होंने अपने प्रेस कार्यालय को रेड क्रॉस सोसाइटी का शिविर कैंप कार्यालय बनाया, जहां से लोगों को दवाइयां और अन्य राहत सामग्री मुहैया कराई। इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप सारंग के साथ कपड़ा बैंक में शामिल रहकर गरीबों की मदद किया करते थे। साथ ही पत्रकार हितों की लड़ाई के लिए वह शासन, प्रशासन तक संघर्षरत रहते थे। वह मूलतः नगीना जिले के रहने वाले थे। उनके पिता स्व मोहम्मद हामिद शहर के नेबलेट स्कूल में अंग्रेजी के अध्यापक थे। मोहम्मद अतहर के निधन से जहां पत्रकारिता को बड़ा नुकसान पहुंचा है वहीं समाज एक तबका भी उनके निधन से आहत है। सोमवार देर शाम ईशा की नमाज़ के बाद कमरियाबाग कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द ए खाक किया जाएगा। इस मौके पर पूर्व सांसद उपेन्द्र सिंह रावत, पूर्व मंत्री अरविंद कुमार सिंह गोप, सीनियर पत्रकार हाशमतुल्ला, तारिक किदवई, चंद्रकांत मौर्य, अकील अहमद, आमिर अली, प्रदीप सारंग, अलीम शेख, रत्नेश कुमार गौतम, परवेज अहमद, सदानंद वर्मा, पाटेश्वरी प्रसाद, अनिरूद्ध शुक्ल, दिलीप कुमार श्रीवास्तव, हुमायू कबीर, सैफ मुख्तार, अलीम शेख, अशोक सैनी, शिवराम गुप्ता, मुश्शु भाई, अजीज अहमद, संतोष शुक्ला, उमेश श्रीवास्तव, मनीष सिंह, मो अरशद, मो वसीक, गांधीवादी चिंतक राजनाथ शर्मा, पूर्व विधायक शिवकरन सिंह, हुमायूं नईम खान, मृत्युंजय शर्मा, साकेत संत मौर्य आदि कई लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त की।
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