बाराबंकी। दो साल पहले एक युवक के फांसी लगाकर आत्महत्या किए जाने के मामले में न्यायालय के आदेश पर असंद्रा थाने में साले, बहनोई व तत्कालीन चौकी इंचार्ज सिद्धौर पर केस दर्ज हुआ है। नगर पंचायत सिद्धौर के सिद्धेश्वर वार्ड निवासिनी पीड़िता पुष्पा देवी का कहना है कि सात साल पहले उसके बेटे शिवकेश का विवाह अयोध्या जनपद के मवई थाना क्षेत्र के जैसुखपुर गांव निवासी मंजीता पुत्री स्व. सुरेश के साथ हुआ था। उसके दो बच्चे भी है। दंपति बीच विवाद होने पर मामला कोर्ट पहुंच गया। बीते 26 दिसंबर 2022 को बेटा पत्नी मंजीता को विदा कराने ससुराल गया। पत्नी साथ नहीं आई।इससे क्षुब्ध होकर पुत्र शिवकेश ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पीड़िता ने बहू मंजीता, उसके भाई संदीप, कुलदीप, संग्राम व बहनोई संदीप पुत्र बंशीलाल निवासी इसरौली थाना कोठी के उकसाने पर पुत्र द्वारा आत्महत्या करने का आरोप लगाया। मगर सिद्धौर चौकी इंचार्ज कन्हैया पांडेय ने कार्रवाई के बजाय उसका फोन व मेमोरी लेकर साक्ष्य मिटा दिया। थाने पर सुनवाई न होने पर पीड़ित न्यायालय की शरण में चली गई। उसका कहना है कि बेटे की मौत के बाद 17 अक्टूबर 2023 बहू मंजीता, उसके भाई व बहनोई ने घर पहुंचकर एकराय होकर संपति बंटवारे को लेकर उसे व उसके बेटे विजय को पीट दिया। अब कोर्ट के आदेश पर असंद्रा थाने में बहू मंजीता, उसके भाई संदीप, कुलदीप, संग्राम बहनोई संदीप व तत्कालीन चौकी इंचार्ज कन्हैया पांडेय पर केस दर्ज हुआ है।
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