DB DIGITAL NEWS

Ticker

5/recent/ticker-posts

किसानों ने बताया केंद्र की अपेक्षा बाजार में धान बेचने की वजह



पूरेडलई बाराबंकी। सरकारी धान खरीद केंद्रों पर आंकड़ों के अनुसार धान खरीद की रफ्तार काफी सुस्त नजर आ रही है। सरकारी धान का मूल्य और बाजार भाव में ज्यादा अंतर न होने के कारण किसान बाहर बाजारों में धान धड़ल्ले से बेच रहे है मगर खरीद केंद्रों पर किसानों की भीड़ नहीं नजर आ रही है पिछले एक महीने से आवंटित राजकीय केंद्रों पर धान की खरीद हो रही है मगर अभी तक केंद्रों पर निर्धारित लक्ष्य का एक चौथाई हिस्से से भी कम की खरीद ही हो पाई है। राजकीय विपणन केंद्र टिकैतनगर में अभी तक अठारह सौ कुंतल की धान खरीद हुई है केंद्र प्रभारी अनिल कुमार यादव ने बताया कि केंद्र का इस वर्ष का खरीद लक्ष्य 18 हजार कुंतल है वहीं ब्लॉक की छह सहकारी समितियों पर धान की खरीद की जा रही है जिसमें प्रत्येक समिति का खरीद लक्ष्य 10 हजार कुंतल है लेकिन केंद्र प्रभारियों द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष धान खरीद सुस्त है  उदइमऊ समिति पर अभी तक एक हजार कुंतल, बांसगांव समिति पर एक हजार सौ कुंतल, कस्बा समिति बारह सौ कुंतल, टिकैत नगर के जुलहटी मोहल्ले की समिति पर ग्यारह सौ कुंतल, सराय दुनाली समिति पर 550 कुंतल की खरीद अभी तक हो पाई है केंद्र प्रभारियों के अनुसार मिलरों से एग्रीमेंट में हो रही देरी की वजह से खरीदा गया धान केंद्रों पर डंप पड़ा हुआ है  गौरतलब है यदि केंद्रों से खरीदे हुए धान की उठाई समय से नहीं हुई तो इसका सीधा असर केंद्र पर आने वाले किसानों के धान की खरीद पर पड़ सकता है। और केंद्र के खरीद के निर्धारित लक्ष्य को पूरा होने पर असर पड़ सकता है।

किसानों ने बताया कि केंद्र पर धान की ओसाई पंखे से करवाई जाती है जिससे उनका अच्छा धान भी उड़ जाता है   किसान राज कुमार, अंबुज और योगेंद्र ने बताया कि सरकारी केंद्र पर धान की तौल के बाद पैसा आधार लिंक खाते में जाता है लगभग सभी किसानों का के सी सी खाता है भेजा गया पैसा अक्सर के सी सी खाते में चला जाता है और उनके हाथों में रकम नहीं आ पाती है जब की बाजार में बेचे गए धान का पैसा नकद मिलता है।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ