रंजीत रावत पत्रकार। निंदूरा बाराबंकी। हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ों का वन माफियाओं द्वारा सफाया किया जा रहा हैं सुबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर पैसा पानी की तरह बहा रहे है की हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहे लेकिन पुलिस विभाग और वन विभाग की मिली भगत से बड़े बड़े विशाल आम के पेड़ों को काटकर रेगिस्तान बनाया जा रहा है और हरियाली को विलुप्त किया जा रहा है।
घुघटेर थाना क्षेत्र के छिलगवाँ मजरे तकिया गांव के सामने सोमवार हरे भरे 15 प्रतिबंधित आम के पेड़ों वन माफियाओं ने काटकर लकड़ी उठा ले गए ग्रामीणों की सूचना देने के बाद भी वन विभाग के कर्मचारी देखना मुनासिब नहीं समझा यदि कोई किसान अपना ही लगाया हुआ पेड़ काट ले और वन विभाग के अधिकारियों को पता चल जाये तो उसको वन रेंज में ले जाकर पाँच हजार से दस हजार रुपए का जुर्माना कर देते हैं लेकिन ये वन माफिया पूरी की पूरी बाग काटकर उठा ले जाते हैं लेकिन इनके ऊपर सिर्फ कार्रवाई के नाम पर खानापूर्त की जाती है होता है तो सिर्फ जुर्माना भरकर दिन दहाड़े लकड़ी उठा ले जाते हैं इसलिए उनके रुतबे में भी कोई कमी नहीं आती है।
परमिट के नाम पर वन विभाग के अधिकारी बड़ा खेल खेल रहे हैं हरे भरे प्रतिबंध फलदार आम के वृक्षों को वन माफियाओं से मोटी रकम लेकर के वन कर्मचारी पेड़ों रोग ग्रास्त घोषित कर देते हैं और परमिट जारी कर देते हैं एक बाग में यदि 20 पेड़ लगे हैं तो वन विभाग के कर्मचारी बीसों पेड़ को रोगग्रस्त घोषित करके परमिट इशू कर देते हैं यह सोचने वाला विषय है।वही इस संबंध में डीएफओ आकाश दीप बध्वान से बात की गई तो उन्होंने बतायाकि मामला को दिखाया जाएगा और जाँच कर कार्रवाई की जाएगी।
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